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SHAYARI LOVE

Thursday, February 6, 2020

गज़ब हो गया PART 2

गज़ब हो गया ( PART -2 )



 उनके मुन्तज़िर हम बस यूं रहे
कि उनकी राह ही तकते रहे
फिर उनका मेरे शहर से गुज़रना हो गया
मत पूछो यारो क्या गज़ब हो गया।

आंधी का चलना फिर यूं हो गया
मेरी आंखो में पलक का जाना हो गया
वो डांटते हुए निकलते रहे
फिर मेरा हंसाना गज़ब हो गया।

एक दिन उसका मेरी गली से गुजरना हो गया
नहा के छत पे जाना कुछ यूं हो गया
बालों के छीटें और उनके लिए हमें पाना तलब हो गया
फिर उनका ठहर जाना गज़ब हो गया।

सूरज का असर ना हुआ उस पे
सख़्ती भी पी गए शोक से उसकी
तब मेरे आंसू से उसका पिघलना हो गया
मत पूछो यारों मेरा रोना गज़ब हो गया।

पाबंद है मुलाकातें फिलहाल तो उनसे
एक दिन ख़्वाब में आना गज़ब हो गया
मुस्कुराना ज़माने को मोहब्बत की इत्तिला कर गया
यूं हंसना भी जब गज़ब हो गया।

एक दिन महफ़िल में जब जाना हो गया
बहाने से किसी टकराना हो गया
देख के उन्हें भूले थे नज़्म अपनी
उनमें खोना यूं गज़ब हो गया।

देखा सबने चांद एक दिन
फिर ईद का आना गज़ब हो गया
मेरे मेहताब का फिर दिखना यूं हुआ
हर रोज़ त्योहार मनाना भी मेरा गज़ब हो गया।
                                WRITTEN BY-
                                                    ZENAB KHAN

Aesi behetrin Shayar, Story And Poetry padhne ke liye jude rahe hamare sath

Apki Shayra - Zenab Khan

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