Aawaz Nahi Karte
मत लो इस क़दर आज़माइश मेरी
के एक सवाल कोई बार बार नहीं करते
माफ़ करते है अपने नफ़स के खातिर
सच कहे तो ऐतबार नहीं करते।
बड़े लोग कोई छोटे कामो को
नजंरअंदाज़ नहीं करते
अपनी नज़र में मंज़र एक ही रखना
पाकीज़गी नज़र वाले नियत ख़राब नहीं करते।
होना था सो हो गया
होना है वो जो अब तू कर जो चाहे
रोने का बहाना बना या अपना मुकाबला
के एक बात याद सो बार नहीं करते।
कहेंगे लोग तो कुछ वो भी
जो तुझे बेहरा कर दे
सलाहियत रखना थोड़ा बचपना रखना
बेवकूफो की परवाह समझदार नहीं करते।
बेदार हो जा ए - गाफिल अब तो
के ख़्वाब बस नींद में ही पूरा नहीं करते
उठाने वाले पंछी भी ख़ामोश हो गए
वो भी आवाज़ शाम नहीं करते।
उसकी परेशानियों को भी देख थोड़ा
यूं जलकर खुद को बेकार नहीं करते
तू तो उठा भी अब है
वो रातो को भी जागकर बेकार नहीं करते।
WRITTEN BY_
ZENAB KHAN
Wow....❤👌❤
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