खुदा नाराज़ है हमसे
शिकायत वो अपनो के लिए आज पूरी हो गई
रोटी होगी परसो की किसी की सूखी हो गई।
किसी का वक़्त कम पड़ गया किसी का गुज़रा ना होगा
कोई छत पे होगा कोई धूप से छुप रहा होगा।
वो धूले हुए कपड़े किसी के साफ ही रह गए
धूल जमी जिसके वो भूके सो गए
कोई किसी के इंतज़ार में होगा कोई ना चाह के भी करीब होगा
कोई बांट रहा होगा कोई छीन रहा होगा।
किसी मुद्दों पे कोई अपनी बेवकूफी से नफरतें फेला रहा होगा
कोई सबको सलाहियत समझा रहा होगा।
भूलकर ज़ात अपनी कोई आज़ार (तकलीफ़) में होगा
कोई आशना (साथी) में होगा कोई तनहाई में होगा।
बवा फेली है आज कोई उसके खौफ में होगा
जिसे हुआ वो कितनी तकलीफ़ में मौत के इंतज़ार में होगा।
WRITTEN BY_
ZENAB KHAN
Wah bahut khoob....
ReplyDeleteVery nice