खबर रखना
कैद है सब यहां आज अपनी ही आज़ादी (घरों) में भी
के थोड़ा ख्याल उन प्यासे परिंदो का भी रखना।
किसी की जान ना ले ले लापरवाही तुम्हारी थोड़ा एहतियात बरतना
के ख्याल थोड़ा पड़ोसी का भी रखना।
बेफिक्र बेखौफ होकर खुदगर्ज ना बनना
कोई भूख से ना मर जाए ख्याल किसी की गुर्बत का भी रखना।
सिमटी है तस्वीर सड़क के सन्नाटे की भी आज
कोहराम ना मच जाए खुद को ज़रा कैद ही रखना।
मिला है आज जो वक़्त थोड़ा अपनों को साथ ही रखना
और खुदा से फरियाद भी रखना
खुदगर्ज ना बन जाना हर मजहब को दुआओं में याद रखना।
WRITTEN BY_
ZENAB KHAN
Bahut khoob yarr
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